आपका इंतजार है

नर्म लबों की जो छुई है दस्तक।

मेरे पहलू में कोई गुलजार है।

फिर है मोह्बत उस आशिक़ी से।

शामों को फिर आपका इंतजार है।

गिरती है पलकें उठती है पलकें।

मेरा दिल ये कैसा बेकरार है।

समुन्दर के न जाने कितने है अरसे।

कितने दिन बीते कितने हम तरसे।

धड़कन को बस आपका इंतजार है।

आपका इंतजार है।

आपका इंतजार है
आपका इंतजार है


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1 Comments

  1. Ravindra Kumar SharmaMay 26, 2021 at 9:32 PM

    आज भी उनका इंतजार है वो हैं कि आते नहीं

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