अभी धुप हूँ छाँव भी हो सकता हूँ
अभी जख्म हूँ घाव भी हो सकता हूँ
ये जो वक्त है बदल भी सकता हूँ
कुछ भी हो सकता हूँ मगर चरित्रहीन नहीं।
आज रो रहा हूँ कल हँस सकता हूँ
अभी सफ़र पे हूँ कल थक सकता हूँ
मैं भी अपनी मंजिल का मुकाम पा सकता हूँ
कुछ भी हो सकता हूँ मगर चरित्रहीन नहीं।
आज अकेला हूँ कल साथ भी हो सकता हूँ
जो आपको चाहियें आपके पास भी हो सकता हूँ
मैं सबकी उम्मीदों पे खरा उतर सकता हूँ
कुछ भी हो सकता हूँ मगर चरित्रहीन नहीं।
आज भटक रहा हूँ कल मंजिल पा सकता हूँ
आज खाव्हिशों को तरसता हूँ कल
अपनी ख्वाहिशे भी पूरी कर सकता हूँ
कुछ भी हो सकता हूँ मगर चरित्रहीन नहीं।
आज तलक जिन्दा हूँ कल मर भी सकता हूँ
कुछ भी झेल सकता हूँ आपका नफ़रत नहीं
कुछ भी कर सकता हूँ मगर व्यभिचार नहीं
कुछ भी हो सकता हूँ मगर चरित्रहीन नहीं।
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