संभल जाऊं प्रिये

ख्यालों में खोए खोए से रहने लगे हैं हम दोनों।

अपने दिल से दिल की बात करने लगे हैं हम दोनों।। 

बादलों ने खूब सुंदर सा घेरा बना दिया। 

आसुओं की बारिशों में बेपरवाह भीगने लगे हैं हम दोनों।।

 

बड़ी बेसब्र हैं आंखे राह में बिछ गए हैं नैन।

किसी तरह दिन गुजरा है न जाने कैसे कटेगी ये रैन।।

आपका हाल भी वैसा जिस तरह हाल है मेरा।

लगे दिल नही एक पल, लगे न एक पल मेरे चैन।।

 

आज तो पास मेरे साथ मिलकर बात भी कर लो।

मेरे हमदम सनम रहबर जरा मुलाकात भी कर लो।। 

आपके सांसो के धागे में मैं सांसे ले ले के जी लुंगा। 

बेसुध हुआ बेदम हुआ हूँ जरा सी याद भी कर लो।।

 

प्रिय तुम कुछ कहना चाहोगी मेरी मंद मंद मुस्कान लिए।

बस मीठे दो बोल बोल दो में खड़ा हूँ सारा जहां लिए।।

जीवन का ठोकर यही है आप नाराजगी पाल बैठे। 

इन बचकानी गलतियों में आप सहारा दो तो संभल जाऊं प्रिये।।



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