धड़कनों का शोर
बढ़ता जा रहा है
है कोई जो पास
आता जा रहा है
मेरे मुताबिक़ क़ब्ज़ा उसने
कर लिया है दिल पर
दिमाग़ इस बात को
झुठलाता जा रहा है
हमारी खिड़कियों पर बेवजह
अब दस्तक होने लगी है
हमें भी यूँ लगता है
जैसे कोई आ जा रहा है
कम्बख्त दोस्त भी अब
अकेला नहीं छोड़ते
शक़ से पूछते हैं कि
कहाँ जा रहा है
आइना जैसे सच्चा
लगने लगा है
मेरी ही सूरत को अब
ख़ूबसूरत बता रहा है
यक़ीन नहीं है मुझको
फिर भी मान लेता हूँ
कोई तो है जो मेरे
दिल पर छा रहा है
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